जम्मू-कश्मीर पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई: फरीदाबाद में 350 किलो विस्फोटक बरामद, दिल्ली-NCR को उड़ाने की थी साजिश
10 नवंबर 2025: भारत की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर देने वाली एक बड़ी सफलता में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस और खुफिया ब्यूरो (IB) के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के दिल में छिपे एक भयानक हथियारों और विस्फोटकों के जखीरे का पर्दाफाश किया है। रविवार तड़के फरीदाबाद के धौज गांव में हुई छापेमारी में लगभग 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट – जो शक्तिशाली आईईडी बनाने में इस्तेमाल होता है – के साथ-साथ असॉल्ट राइफलें और गोला-बारूद बरामद हुए। अधिकारियों का मानना है कि यह सामग्री दिल्ली-NCR को तबाह करने वाले एक बड़े आतंकी हमले के लिए जमा की गई थी, जो हाल के वर्षों में नाकाम किए गए सबसे खतरनाक षड्यंत्रों में से एक हो सकता था।
साजिश की जड़: श्रीनगर से शुरू हुआ सिलसिला

यह ऑपरेशन श्रीनगर में एक साधारण-सी दिखने वाली घटना से शुरू हुआ, जिसने कश्मीर घाटी के उच्च शिक्षित पेशेवरों से जुड़े एक गहरे आतंकी मॉड्यूल को उजागर कर दिया। 27 अक्टूबर को श्रीनगर के प्रमुख स्थानों पर पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की तारीफ में पोस्टर चिपकाए गए। सीसीटीवी फुटेज की त्वरित जांच से डॉ. आदिल अहमद राथर (32 वर्ष), अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के मूल निवासी, की पहचान हुई। राथर पिछले अक्टूबर तक अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे। उन्हें 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। उन पर आर्म्स एक्ट और UAPA के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
पूछताछ में राथर ने जो खुलासे किए, वे रोंगटे खड़े करने वाले थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में अपने निजी लॉकर में एक AK-47 राइफल और गोला-बारूद छिपाया था – जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत बरामद कर लिया। लेकिन असली झटका तब लगा जब राथर ने अपने सहयोगी डॉ. मुजम्मिल शकील (28 वर्ष), पुलवामा जिले के निवासी, का नाम लिया। शकील फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में कार्यरत हैं और हाल ही में अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से पासआउट हुए हैं। तीन महीने पहले शकील ने धौज गांव में एक साधारण-सा मकान किराए पर लिया था – जो वास्तव में हथियारों का गोदाम था।
धौज गांव में छापा: मिला था बम बनाने का पूरा कारखाना
राथर की निशानदेही पर 10 नवंबर की सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG), फरीदाबाद पुलिस और IB की संयुक्त टीम ने उस किराए के मकान पर धावा बोला। जो सामान बरामद हुआ, वह किसी बम बनाने वाले कारखाने से कम नहीं था:
- 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट (14 बोरे में पैक), जिसे शुरुआती खबरों में गलती से RDX बताया गया। यह 1993 मुंबई धमाकों जैसे ट्रक बम बनाने में इस्तेमाल होता है।
- एक AK-47 राइफल और 84 जिंदा कारतूस।
- 9mm पिस्तौल, तीन मैगजीन और अतिरिक्त गोला-बारूद।
- 20 इलेक्ट्रॉनिक टाइमर और डेटोनेटर।
- 5 लीटर रासायनिक घोल, जो विस्फोटक मिश्रण में इस्तेमाल होता है।
- वॉकी-टॉकी सेट और आईईडी के अन्य 48 पुर्जे।
फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र गुप्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “यह सामग्री दिल्ली-NCR के घनी आबादी वाले इलाकों में कई जगहों पर एक साथ बड़े हमले करने के लिए पर्याप्त थी।” एक वरिष्ठ जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह छोटा ऑपरेशन नहीं था। मात्रा से लगता है कि एक साथ कई टारगेट थे।” दिल्ली की सीमा से सिर्फ 30 किमी दूर यह गोदाम सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी था।
गिरफ्तार डॉक्टरों का आतंकी कनेक्शन

मौके से डॉ. मुजम्मिल शकील को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें आगे की पूछताछ के लिए जम्मू-कश्मीर ले जाया गया। दोनों डॉक्टरों पर आर्म्स एक्ट की धारा 7/25 और UAPA की धारा 13, 18, 20, 38, 39 के तहत केस दर्ज है। सूत्रों के अनुसार, दोनों ऑनलाइन प्रोपेगैंडा के जरिए कट्टरपंथी बने और LoC पार जैश हैंडलरों से संपर्क में थे – संभवतः एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए। यह मॉड्यूल गजवत-उल-हिंद नामक एक और पाकिस्तानी संगठन से भी जुड़ा प्रतीत होता है।
कश्मीर में जारी है सबसे बड़ा अभियान
यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में चल रहे सबसे बड़े आतंकी सफाए अभियान का हिस्सा है। पिछले हफ्ते काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने घाटी में 9 ठिकानों पर छापे मारे, जिसमें 9 संदिग्ध गिरफ्तार हुए और सिम कार्ड, मोबाइल, टैबलेट व डिजिटल प्रोपेगैंडा सामग्री जब्त हुई। रामबन, डोडा, कठुआ, राजौरी और पूंछ में ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW), UAPA आरोपी और समर्थकों पर कार्रवाई हुई। कठुआ में दो स्पेशल पुलिस ऑफिसरों को आतंकियों की मदद करने के आरोप में बर्खास्त किया गया। श्रीनगर और कुपवाड़ा की जेलों में भी छापे मारे गए ताकि जेलों में कट्टरपंथ रोका जा सके।
विशेषज्ञों की चेतावनी: आतंक का नया चेहरा
सुरक्षा विशेषज्ञ इसे आतंकवाद के बदलते चेहरे की चेतावनी मान रहे हैं। एक पूर्व NIA अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान में हैंडलर अब मेडिसिन जैसे प्रोफेशनल फील्ड के शिक्षित युवाओं को हथियार बना रहे हैं। कश्मीर केंद्रित ऑपरेशंस से अब अखिल भारतीय साजिशों की ओर शिफ्ट हो रहा है। शहरों में छिपे ठिकानों पर निगरानी बढ़ानी होगी।”
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को केस सौंपे जाने की संभावना है। फंडिंग के रास्ते – संभवतः हवाला – और अन्य स्लीपर सेल्स पर फोकस होगा। बरामद उपकरणों और डॉक्टरों के डिवाइसों के फोरेंसिक विश्लेषण से और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
दिल्ली-NCR में हाई अलर्ट
दिल्ली-NCR में सुरक्षा बढ़ा दी गई है – गश्त, चेकपोस्ट और खुफिया निगरानी तेज। सवाल उठ रहे हैं: 350 किलो बम सामग्री हरियाणा में कैसे घुसी? अभी जवाब नहीं, लेकिन दो गिरफ्तारियां और एक नष्ट गोदाम पुलिस की सतर्कता का प्रमाण हैं।
राष्ट्रीय राजधानी थोड़ी राहत की सांस ले रही है – लेकिन आतंक के खिलाफ जंग जारी है।
FOLLOW US:-Pentoday | Facebook
