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बेंगलुरु-हैदराबाद वॉल्वो बस हादसा: कुर्नूल में भीषण आग से 21 की मौत, 20 घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बेंगलुरु-हैदराबाद वॉल्वो बस हादसा

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24 अक्टूबर 2025: आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के चिन्नाटेकुरु गांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक प्राइवेट वॉल्वो स्लीपर बस में दोपहिया वाहन से टक्कर के बाद भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 21 यात्रियों की जलकर मौत हो गई। बस में सवार 41 लोगों में से 20 अन्य घायल हो गए, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। यह हादसा शुक्रवार सुबह करीब 3:30 बजे हुआ, जब ज्यादातर यात्री सो रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है, लेकिन भारी बारिश ने राहत कार्यों को मुश्किल बना दिया।

हादसे का पूरा विवरण: क्या हुआ था?

बेंगलुरु
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केवरी ट्रेवल्स की इस वॉल्वो बस (रजिस्ट्रेशन नंबर ओडिशा का) में कुल 41 यात्री सवार थे, जो गुरुवार रात हैदराबाद से बेंगलुरु के लिए रवाना हुई थी। पुलिस के अनुसार, बस नेशनल हाईवे पर चिन्नाटेकुरु गांव के पास एक मोटरसाइकिल से टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक बस के नीचे फंस गई और ईंधन लीक होने से चिंगारी भड़क उठी। कुछ ही सेकंडों में पूरी बस आग का गोला बन गई।

“बस ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन स्पीड ज्यादा होने से टक्कर अवॉइड नहीं हो सकी। आग इतनी तेज फैली कि दरवाजा जाम हो गया और कई यात्री बाहर नहीं निकल पाए,” कुर्नूल के एसपी विक्रांत पाटिल ने बताया। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद की कोशिश की और इमरजेंसी विंडो तोड़कर 19-21 यात्रियों को बाहर निकाला।

हादसे में बस ड्राइवर और क्लीनर लापता बताए जा रहे हैं। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर डीएनए सैंपल लेना शुरू कर दिया है, क्योंकि कई शव बुरी तरह झुलस चुके हैं। अब तक 11 शवों की पहचान हो चुकी है, बाकी की पहचान के प्रयास जारी हैं।

घायलों की स्थिति और राहत कार्य

बेंगलुरु
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कुर्नूल जिला कलेक्टर डॉ. ए. सीरी के मुताबिक, 20 घायलों को कुर्नूल के महात्मा गांधी अस्पताल और नजदीकी मेडिकल सेंटर्स में भर्ती किया गया है। ज्यादातर की हालत स्थिर है, लेकिन कुछ को गंभीर जलनें हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने दुर्घटना स्थल पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है और तेलंगाना सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जहां परिवार वाले जानकारी ले सकते हैं।

मुख्यमंत्री नायडू ने दुबई से ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए। तेलंगाना के गडवाल जिले के कलेक्टर और एसपी को भी साइट पर भेजा गया है। कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु से विशेष चिकित्सा टीम रवाना की है। भारी बारिश के बावजूद फायर टेंडरों ने आग पर काबू पा लिया, लेकिन बस पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी है।

सरकारी प्रतिक्रिया और सहायता

बेंगलुरु
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “यह दुखद हादसा बेहद दर्दनाक है। प्रभावित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: “कुर्नूल बस हादसे में हुई मौतें गहरा आघात हैं। शोकाकुल परिवारों को मेरी हार्दिक संवेदना।”
  • एन. चंद्रबाबू नायडू (आंध्र सीएम): “यह हादसा दिल दहला देने वाला है। घायलों को हर संभव मदद दी जाएगी।”
  • रेवंत रेड्डी (तेलंगाना सीएम): “मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। राहत कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
  • सिद्धारमैया (कर्नाटक सीएम): “हैदराबाद-बेंगलुरु रूट पर यह त्रासदी चिंताजनक है। प्रभावितों को सहायता प्रदान करेंगे।”

बस की सुरक्षा पर सवाल: क्या दोषपूर्ण रखरखाव जिम्मेदार?

बेंगलुरु-हैदराबाद वॉल्वो बस हादसा
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प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह बस तेलंगाना में 16 बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर चुकी थी, जिसमें कुल 23,120 रुपये का जुर्माना बकाया था। आरटीओ अधिकारियों के अनुसार, जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक ये चालान लेट होने, स्पीडिंग और अन्य उल्लंघनों के लिए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट बसों में फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी और रखरखाव की अनदेखी ऐसी घटनाओं को आम बना रही है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें बस के इलेक्ट्रिकल सिस्टम, ईंधन टैंक और इमरजेंसी एग्जिट पर फोकस होगा। विशेषज्ञों ने सिफारिश की है कि सभी लंबी दूरी की बसों में ऑटोमैटिक फायर सप्रेशन सिस्टम अनिवार्य हो।

यह हादसा हमें सड़क सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की याद दिलाता है। यात्रा से पहले बस की फिटनेस चेक करें, इमरजेंसी एग्जिट जानें और हमेशा सीटबेल्ट बांधें। मृतकों की आत्मा को शांति मिले और घायल जल्द स्वस्थ हों, यही हमारी प्रार्थना है।

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