कैप्टेन विक्रम बत्रा: शेर शाह \ Vikram Batra
आज 9 सितंबर 2025 है, जिस दिन भारत के अमर वीर योद्धा, कप्तान विक्रम बत्रा की जयंती मनाई जाती है। 1974 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में जन्मे विक्रम बत्रा Vikram Batra ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी अद्भुत वीरता और साहस का परिचय दिया। मात्र 24 वर्ष की आयु में उन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया और मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परम वीर चक्र से सम्मानित हुए। पाकिस्तानी सेना उन्हें ‘शेर शाह’ कहकर डरती थी, और उनका नारा “ये दिल मांगे मोर” आज भी हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना जगाता है। Vikram Batra जी की जयंती पर हम उनकी शौर्य गाथा को नमन करते हैं |

विक्रम बत्रा का जीवन और वीरता
विक्रम बत्रा Vikram Batra का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता गिरधारी लाल बत्रा जी एक स्कूल प्रिंसिपल थे, और मां कमल कांता बत्रा जी एक शिक्षिका थीं। विक्रम और उनके जुड़वां भाई विशाल ने बचपन से ही देशभक्ति की भावना को आत्मसात किया। चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक करने के बाद, विक्रम ने मर्चेंट नेवी की आकर्षक नौकरी छोड़कर भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया। 1996 में वे 13 जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुए।
कारगिल युद्ध में Vikram Batra की वीरता की कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। 20 जून 1999 को, उन्होंने पॉइंट 5140 पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने दुश्मन की कई चौकियों को नष्ट किया। इसके बाद, 7 जुलाई 1999 को पॉइंट 4875 पर हमले के दौरान, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने लड़ाई जारी रखी। अपने साथी सैनिकों को बचाने के लिए उन्होंने अंतिम सांस तक संघर्ष किया और शहीद हो गए। उनकी वीरता ने न केवल युद्ध का रुख मोड़ा, बल्कि पूरे देश को एकजुट किया। Vikram Batra की जयंती हमें उनके बलिदान और साहस की याद दिलाती है।
शौर्य नमन द्वारा 26 जुलाई 2025 को इंदौर में वृक्षारोपण



शौर्य नमन, एक ऐसा संगठन है जो शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित है। इस वर्ष, 26 जुलाई 2025 को, शौर्य नमन ने इंदौर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर एक भव्य वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया। इस दिन स्वयं कैप्टेन विक्रम बत्रा जी Vikram Batra के पिता जी के हाथो वृक्षारोपण का कार्य हुआ | इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण था, बल्कि कप्तान विक्रम बत्रा जैसे शहीदों की स्मृति को हरा-भरा रखना भी था। इस कार्यक्रम में इंदौर नगर निगम , युवा, स्कूली बच्चो ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इंदौर के स्कीम न० 140 के एक पार्क को शहीदों की स्मृति को सजोने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा संस्था शौर्य नमन को देखभाल के लिए दिया गया जिसमे 21 शहीदों के नाम समर्पित किया गया। जिसके तहत पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया । शौर्य नमन ने इस अवसर पर लोगों को यह संदेश दिया कि प्रत्येक पेड़ शहीदों की तरह देश की रक्षा और समृद्धि में योगदान देता है। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने न केवल पौधे रोपे, बल्कि उनके रखरखाव और संरक्षण का संकल्प भी लिया।

इसके अलावा, शौर्य नमन ने इस आयोजन के दौरान शहीदों की कहानियों को साझा करने के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रंग देस भी आयोजित किया, जिसमें कप्तान विक्रम बत्रा Vikram Batra की वीरता को विशेष रूप से याद किया गया। उनके बलिदान को चित्रित किया, जिसने उपस्थित लोगों में देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया। जिसमे हमारे BSF के भाई बहन भी शामिल हुए |
एक अमर प्रेरणा
कैप्टेन विक्रम बत्रा Vikram Batra की जयंती हमें सिखाती है कि सच्ची वीरता न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी में भी निहित है। शौर्य नमन द्वारा 26 जुलाई 2025 को इंदौर में आयोजित वृक्षारोपण अभियान एक अनूठा प्रयास था, जो शहीदों के बलिदान को पर्यावरण संरक्षण के साथ जोड़ता है। यह अभियान न केवल प्रकृति की रक्षा करता है, बल्कि विक्रम बत्रा जैसे वीरों की स्मृति को जीवित रखता है। आइए, इस जयंती पर हम संकल्प लें कि हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे और पर्यावरण संरक्षण व राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देंगे। जय हिंद!
