पेन टुडे द्वारा आयोजित “स्पंदन कवि सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
इंदौर शहर में कई महीनों बाद कोई ऐसा कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ, जिसमें सभागार पूरी तरह भरा रहा और श्रोता भी कार्यक्रम के अंत तक बने रहे। अवसर था 23 सितंबर को कौटिल्य ग्रुप के प्रबंध निदेशक श्रीद्धांत जोशी ‘सर’ के जन्मदिन के उपलक्ष्य में “पेन टुडे समूह” द्वारा आयोजित “स्पंदन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन” का। पेन टुडे द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के कई राष्ट्रीय कवि-कवयित्रियों ने अपने-अपने गीतों तथा छंदों के माध्यम से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया, वहीं श्रोताओं ने भी प्रत्येक कवि को अपनी जगह खड़े होकर तालियों से स्नेह दिया। कार्यक्रम में लखीमपुर खीरी से पधारे राष्ट्रीय कवि नवल सुधांशु ने वैदेही गीत के माध्यम से लव कुश का मार्मिक पक्ष रखा।
“परिजातों पे बैठे अमर प्राण भी
माँगते ही नहीं अपना अधिकार है
एक ऋषि की कुटी है भवन साक्ष्य का
फिर भी माने न माने ये संसार है।”
वहीं बिहार की धरती से पधारे कवि प्रशांत बजरंगी को भी श्रोताओं का ख़ूब स्नेह मिला, उन्होंने राम एवं देश की आराधना करते हुए पंक्तियाँ पढ़ी,
“पूजता हूँ वन्देमातरम गीत-मीत संग
जन-गण-मन का ही गान पूजता हूँ मैं।
पूजता हूँ पाएब सा प्रेम परिणाम राम,
राम का ही धाम हिन्दोस्तान पूजता हूँ मैं।”
वहीं प्रतापगढ़ से पधारी कवयित्री प्रीति पांडेय जी ने ओज एवं शृंगार गीतों के माध्यम से ख़ूब तालियाँ बटोरी, उन्होंने पढ़ा कि
“सुनाई थी जो बचपन में कहानी को नहीं भूला,
मैं राजा को नहीं भूली वो रानी को नहीं भूला,
दिया था प्यार से उसने कभी छिपकर मुझे कंगन,
वो मेहंदी और महावर की निशानी को नहीं भूला”
-प्रीति पांडेय
प्रयागराज से पधारे अधिवक्ता कवि निखिल पाठक ने अपने गीतों के माध्यम से ख़ूब स्नेह प्राप्त किया उन्होंने पढ़ा कि
” दोनों चंचल नैन तुम्हारे मुझको जग से प्यारे हैं,
इस भोली सूरत पर अपना हम तो सबकुछ हारे हैं”
इंदौर शहर के कवि हिमांशु भावसार ने तात्कालिक मुद्दे पर पंक्तियाँ पढ़ी कि,
“ड्रैगन के जबड़े भी देखो, अब तो तोड़े जाते हैं
आतंकवाद के सारे अड्डे, चुन-चुन फोड़े जाते हैं
सारी दुनिया देख रही है बदल गया मेरा भारत
श्वेत कबूतर त्याग यहाँ अब चीते छोड़े जाते हैं
– हिमांशु भावसार हिन्द”।
कवि सम्मेलन का संचालन कवि नवल सुधांशु एवं प्रारम्भिक स्वागत संचालन लव बैरागी ने किया। कार्यक्रम में कौटिल्य समूह प्रबंध निदेशक श्रीद्धांत जोशी, मनमोहन जोशी एवं उनके माता-पिता, आशेन्द्र मिश्रा, सुनील तिवारी, पेन टुडे समूह से रमेश चंद्र शर्मा, विनय दीक्षित, अजीत दुबे,सोनू संजरी, विघ्नेश दवे, नितेश कुशवाह, शिवम शाही, आशीष पांडेय, सौरभ शाही, रोहित चतुर्वेदी, शिवेंद्र रावत,रविशंकर तिवारी आदि सदस्य उपस्थित रहे।
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