प्रेमानंद महाराज को ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (ADPKD) नामक गंभीर बीमारी है, जिसके कारण उनकी दोनों किडनियां 18 साल पहले खराब हो चुकी हैं। हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण वे रात्रि पदयात्रा और भक्तों को दर्शन देने में असमर्थ रहे, जिससे उनके भक्तों में चिंता बढ़ गई है।
ADPKD क्या है और कितनी खतरनाक है?
ADPKD एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें किडनी में तरल पदार्थ से भरी गांठें (सिस्ट) बनने लगती हैं। ये सिस्ट किडनी का आकार बढ़ाते हैं और धीरे-धीरे इसकी कार्यक्षमता को नष्ट कर देते हैं, जिससे किडनी फेल हो सकती है। यह बीमारी पहले दुर्लभ मानी जाती थी, लेकिन खराब लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण अब यह अधिक आम हो रही है।
- खतरनाक पहलू: ADPKD क्रोनिक किडनी रोग का कारण बन सकता है, जो किडनी फेलियर तक ले जाता है। बिना उपचार के यह जानलेवा हो सकता है। मरीजों को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।
- प्रभाव: यह आमतौर पर 30-50 वर्ष की आयु में लक्षण दिखाता है, लेकिन प्रेमानंद महाराज के मामले में यह युवावस्था में ही शुरू हो गया।
ADPKD के मुख्य कारण
- जेनेटिक म्यूटेशन: PKD1 या PKD2 जीन में खराबी के कारण सिस्ट बनते हैं।
- वंशानुगत: यदि माता-पिता में से किसी एक को ADPKD है, तो बच्चों में इसके होने का 50% जोखिम रहता है।
- लाइफस्टाइल कारक: हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान, शराब का सेवन, और अपर्याप्त जल intake।
लक्षण (संकेत)
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- पेशाब में दिक्कत या खून आना
- हाथ-पैरों में सूजन
- थकान और कमजोरी
- पाचन संबंधी समस्याएं
- खून की कमी (एनीमिया)
जोखिम
- किडनी सिस्ट में इंफेक्शन
- सिस्ट का फटना या रक्तस्राव
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
- किडनी स्टोन्स
- किडनी के आसपास अन्य अंगों में सिस्ट का विकास
निदान
ADPKD का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:
- डायग्नोसिस: इमेजिंग टेस्ट जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, और एक्स-रे। रक्त और मूत्र परीक्षण भी किडनी फंक्शन का आकलन करते हैं।
- उपचार:
- डायलिसिस: प्रेमानंद महाराज हफ्ते में 3 बार डायलिसिस करवाते हैं, जिसमें मशीन के जरिए खून से अपशिष्ट पदार्थ निकाले जाते हैं। यह प्रक्रिया 4 घंटे तक चलती है और किडनी के कार्य को प्रतिस्थापित करती है, लेकिन इसे ठीक नहीं करती।
- दवाएं: दर्द, ब्लड प्रेशर, और इंफेक्शन को नियंत्रित करने के लिए।
- किडनी ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में यह एकमात्र विकल्प हो सकता है, लेकिन यह महंगा और दाता ढूंढना मुश्किल है।
बचाव के तरीके
ADPKD को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- पर्याप्त पानी पिएं: हाइड्रेशन किडनी के कार्य को बनाए रखने में मदद करता है।
- संतुलित आहार: कम नमक, कम प्रोटीन, और ताजा फल-सब्जियों से युक्त भोजन। प्रेमानंद महाराज आधी रोटी और सब्जी जैसी हल्की डाइट लेते हैं।
- ब्लड प्रेशर नियंत्रित करें: रोजाना बीपी मॉनिटर करें और दवाओं का पालन करें।
- नियमित व्यायाम: पैदल चलना या योग जैसी हल्की गतिविधियां किडनी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। प्रेमानंद महाराज रोज वृंदावन परिक्रमा करते हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये किडनी को और नुकसान पहुंचाते हैं।
- नियमित जांच: शुरुआती निदान के लिए समय-समय पर किडनी फंक्शन टेस्ट और इमेजिंग करवाएं।
प्रेमानंद महाराज की स्थिति
प्रेमानंद महाराज पिछले 18 वर्षों से ADPKD के बावजूद सक्रिय जीवन जी रहे हैं। वे हफ्ते में तीन बार डायलिसिस करवाते हैं, केवल 3-4 घंटे सोते हैं, और हल्की डाइट (आधी रोटी और सब्जी) लेते हैं। उनकी आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मकता, जैसे अपनी किडनियों को “राधा” और “कृष्ण” नाम देना, उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखती है। हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ने की खबरें आईं, लेकिन आश्रम ने स्पष्ट किया कि उनकी स्थिति अब स्थिर है।
सलाह
ADPKD एक गंभीर बीमारी है, लेकिन शुरुआती निदान, स्वस्थ जीवनशैली, और नियमित चिकित्सा देखभाल से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपको या आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें और नियमित जांच करवाएं। प्रेमानंद महाराज का जीवन इस बात का उदाहरण है कि शारीरिक कष्ट के बावजूद सकारात्मकता और भक्ति से जीवन को अर्थपूर्ण बनाया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और चिकित्सीय सलाह का स्थान नहीं लेती।
