दिनांक: 4 अक्टूबर 2025 भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद, रक्षा नीति
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की किसी भी हरकत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की चेतावनी दी है। उनका बयान है कि अगर पाकिस्तान ने कोई गलत कदम उठाया, तो भारत का जवाब इतना जोरदार होगा कि “पाकिस्तान का नक्शा बदल जाएगा।” यह बयान भारत की सीमा सुरक्षा नीति की मजबूती और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
सर क्रीक क्या है? | Sir Creek Dispute Explained

सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय मुहाना है, जो अरब सागर में खुलता है। यह क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है। इसका कारण ब्रिटिश राज के समय का एक अस्पष्ट नक्शा है, जिसे 1908 में बनाया गया था। भारत का मानना है कि सीमा मुहाने के बीच से गुजरती है, जबकि पाकिस्तान इसे घुमावदार रेखा मानता है।
सर क्रीक का महत्व
- आर्थिक दृष्टि: इस क्षेत्र में तेल और गैस के भंडार हो सकते हैं। विजेता देश को समुद्री Exclusive Economic Zone (EEZ) में 200 नॉटिकल मील तक के अधिकार मिलेंगे।
- सैन्य रणनीति: सर क्रीक कराची तक पहुंच का रास्ता खोलता है, जो सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
- पर्यावरणीय मुद्दा: पाकिस्तान का LBOD प्रोजेक्ट सर क्रीक में खारा पानी छोड़ता है, जो भारत के मैंग्रोव जंगलों और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाता है।
राजनाथ सिंह का बयान: सख्ती का संदेश | Rajnath Singh’s Warning to Pakistan

2 अक्टूबर 2025 को, दशहरा के अवसर पर भुज सैन्य स्टेशन में शस्त्र पूजा के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “सर क्रीक में पाकिस्तान की कोई भी गलत हरकत इतना भारी पड़ेगी कि नक्शा और इतिहास दोनों बदल जाएंगे।” उन्होंने 1965 की जंग का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी, और आज 2025 में “कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर जाता है।”
बयान का समय और संदर्भ
- दशहरा का प्रतीक: शस्त्र पूजा भारतीय संस्कृति में शक्ति और धर्म की रक्षा का प्रतीक है। राजनाथ जी का यह बयान इस अवसर पर और भी प्रभावशाली बन गया।
- पाकिस्तान की हरकतें: हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने सर क्रीक के पास बंकर और सैन्य ढांचे बनाए हैं, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है।
- ऑपरेशन सिंदूर: राजनाथ जी ने इस ऑपरेशन का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाक की घुसपैठ को नाकाम किया।
भारत की सीमा सुरक्षा नीति: सख्त और सक्रिय | India’s Border Security Policy

राजनाथ सिंह का यह बयान भारत की नई रक्षा नीति का हिस्सा है, जो रक्षात्मक से सक्रिय दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है।
- बालाकोट स्ट्राइक: 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक ने भारत की ताकत दिखाई।
- आर्टिकल 370: कश्मीर में 370 हटाने से भारत ने साफ किया कि वह सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
- तकनीकी उन्नति: टाइडल इंडिपेंडेंट बर्थिंग फैसिलिटी और जॉइंट कंट्रोल सेंटर जैसे कदमों से भारत ने सर क्रीक में अपनी निगरानी मजबूत की है।
भारत ने हमेशा संवाद का रास्ता चुना है, लेकिन पाकिस्तान की टालमटोल नीति ने इस विवाद को 78 साल तक लटकाए रखा। राजनाथ सिंह का बयान साफ करता है कि भारत अब चुप नहीं रहेगा। फिर भी, शांति के लिए संवाद जरूरी है। भारत की सेनाएं तैयार हैं, और बीएसएफ, आर्मी, और नेवी की 24×7 निगरानी इसे और मजबूत करती है।
शांति के साथ ताकत का संदेश | India’s Message of Strength and Peace

राजनाथ सिंह का यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि भारत की अटल रक्षा नीति का प्रतीक है। सर क्रीक विवाद एक जटिल मुद्दा है, लेकिन भारत की ताकत और संकल्प इसे हल करने में सक्षम है। हमारी सेनाएं न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत हैं, बल्कि मनोबल में भी अडिग हैं। आइए, हम सब मिलकर देश की एकता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।
अपने विचार कमेंट में बताएं। क्या आपको लगता है कि भारत को और सख्ती बरतनी चाहिए?
जय हिंद!